Chhindwara me ghumne ki jagah | Tourist Places in Chhindwara District

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Chhindwara me ghumne ki jagah – छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश का एक छोटा सा शहर है और छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश का एक जिला भी है छिंदवाड़ा का इतिहास काफी पुराना रहा है और छिंदवाड़ा में कई सारे राजाओं ने राज किया है जिनमें राजपूत और मराठा शामिल है और 18वीं शताब्दी तक उनके शासन में कई सारे मंदिर और बहुत कुछ छिंदवाड़ा में बनवाया 19वीं सदी में छिंदवाड़ा को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कब्जे में ले लिया था

और छिंदवाड़ा ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भी रहा 1947 में भारत की आजादी के बाद छिंदवाड़ा को मध्य प्रदेश का हिस्सा बना दिया गया और सन 1956 में आजादी के बाद जिले का बुनियादी ढांचा और शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है खास तौर पर कमलनाथ जो इस क्षेत्र के सांसद भी रहे हैं उन्होंने छिंदवाड़ा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है छिंदवाड़ा से देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है और छिंदवाड़ा और छिंदवाड़ा के आसपास आपको बहुत कुछ घूमने के लिए मिल जाएगा

1. बादल भोई ट्राइबल म्यूज़ियम – Chhindwara me ghumne ki jagah

बादल भोजपुरी ट्राइबल म्यूजियम मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बना हुआ एक म्यूजियम है टी यह म्यूजियम गोंड और आदिवासी समुदायों के बीच संस्कृत धरोहर को बचाए हुए हैं यह संग्रहालय उन व्यक्तियों समुदायों को सम्मान देने के मकसद से बनाया गया है जिन्होंने इस क्षेत्र के आदिवासी संस्कृति को जीवित रखा हुआ है वही छिंदवाड़ा के काफी पॉपुलर नेता हुआ करते थे जो गोड़ जनजाति से आते थे

उन्होंने आदिवासी अधिकार और उनके सामाजिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं उनके नाम पर यह संग्रहालय का नाम रखा गया है आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को याद रख सके बादल भोई म्यूजियम में आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा जैसे प्राचीन काल के बस आभूषण औजार शास्त्रों और वह कैसे जीवन जीते थे अगर आप छिंदवाड़ा जाते हैं और आप आदिवासियों को अच्छे से समझाना चाहते हैं तो आपको यह म्यूजियम घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए

2. श्री माताजी निर्मला देवी – Chhindwara में घूमने की जगह

श्रीमती निर्मला देवी का जन्म स्थान छिंदवाड़ा को माना जाता है वह सहज योग की संस्थापक रही है और एक आध्यात्मिक गुरु भी थी है उन्होंने लाखों लोगों को ध्यान अंदर की  से शांति और आंतरिक शक्ति के बारे में बताया है उनका जन्म 21 मार्च 1923 को छिंदवाड़ा के ईसाई परिवार में हुआ था और उनके मूल नाम निर्मला साल्वे था लेकिन बाद में उन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया और उनका मानना था

कि हर व्यक्ति अंदर से दिव्यता और जागृत है मनुष्य को अपने आंतरिक शांति को पहचानना चाहिए उन्होंने पूरी दुनिया में यात्रा की लाखो लोगों को ध्यान और भीतर की शक्ति को पहचानने का रास्ता दिखाया और आज उन्हें देवी का स्थान मिला है और उनके लिए एक छोटा सा धार्मिक स्थान भी बनाया गया है जहां पर टूरिस्ट बड़ी संख्या में उनके दर्शन करने के लिए जाते हैं

3. पातालकोट – Chhindwara m ghumne ki jagah

पातालकोट मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित एक गहरी घाटी है जो प्राकृतिक सुंदर और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है यह घाटी  पर्वत श्रृंखला से लगभग 3000 फीट की गहराई में बनी हुई है और आदिवासी समुदाय विशेष कर गोंड़ और सरिया जनजातियों का यहां पर आदिवासियों के पारंपरिक जीवन शैली और चिकित्सा पद्धति है यहां की प्रमुख विशेषताएं पातालकोट का नाम भारतीय पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है

पाताल का अर्थ होता है धरती के नीचे और यह स्थान  पौराणिक कहानियों का प्रतीक भी है जिससे धार्मिक और रहस्य में पहचान मिली है प्राकृतिक प्रेमियों और टूरिस्ट के लिए यह  जगह आकर्षण का केंद्र रही है यहां पर आपको हरियाली और और पहाड़ी देखने को मिलते हैं हाल ही के बक्त में पातालकोट को एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी काफी ज्यादा विकसित किया जा रहा है ताकि लोग यहां पर जा सके और यहां पर घूम सके और इन आदिवासियों को समझ सके

4. देवगढ़ किला (Devgarh Fort) – Chhindwara mein ghumne ki jagah

देवगढ़ किला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित एक  ऐतिहासिक किला है जो सतपुड़ा की पहाड़ियों पर बसा हुआ है यह किला 17 बी शताब्दी में गोंड राजाओं द्वारा बनवाया गया था और छिंदवाड़ा के इतिहास और संस्कृतिको काफी ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान दिलाता  है देवगढ़ किला गोंडवाना साम्राज्य और गोंड़ राजाओं की ताकत का प्रतीक हुआ करते थे देवगढ़ किले को राजा जाटबा दुयरा बनवाया गया था यह क्षेत्र के काफी प्रसिद्ध राजा भी रहे हैं देवगढ़ का किला देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है

और किले की दीवार काफी ज्यादा मजबूत है जो भारी आक्रांताओं से इस किले  की रक्षा करती थी अभी के समय में देवघर के लिए टूरिस्ट प्लेस के रूप में बदल दिया गया है और इसके कई हिस्से ध्वस्त हो चुके हैं लेकिन इनका शेष बचा हुआ हिस्सा प्राचीन समय की कहानियों को बताता है अगर आप पुरानी जगह पर घूमने के शौकीन है और आप छिंदवाड़ा जाते हैं तो आपको यह किला जरूर देखना चाहिए

5. Chhota mahadev tempale – Chhindwara mai ghumne ki jagah

छोटा महादेव मंदिर छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश की पहाड़ी पर बना हुआ एक प्राचीन मंदिर है यह भगवान शिव का मंदिर है और यह मंदिर काफी ज्यादा खूबसूरत है देखने में और शिवरात्रि के मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं और इस स्थान को एक तीर्थ स्थल की तरह माना जाता है

मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है उसके अंदर शिवलिंग है जो काफी पवित्र माना जाता है और यहां का आसपास का नजारा आपको काफी ज्यादा खूबसूरत देखने को मिलते हैं गुफा के अंदर एक प्राकृतिक जलधारा भी बहती रहती है अगर आप छिंदवाड़ा जाते हैं तो यह छिंदवाड़ा से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर जंगल में बना हुआ है अगर आप एडवेंचर  और शांति चाहते हैं तो आपको छिंदवाड़ा के मंदिर में घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए

Chhindwara me ghumne ki jagah final word

दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको छिंदवाड़ा में घूमने के लिए पॉपुलर जगह के बारे में विस्तार से जानकारी दि है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पड़ने के बाद आपको समझ आ गया है कि छिनवाड़ा में हम कौन-कौन सी जगह घूमने के लिए जा सकते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें कमेंट करके बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद

 

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