mahoba me ghumne ki jagah | महोबा में घूमने की जगह

10

mahoba me ghumne ki jagah – महोबा, उत्तर प्रदेश राज्य के महोबा जिले में स्थित एक प्राचीन शहर है। यह शहर बहुत पुराना है और इसका नाम संस्कृत के शब्द “महोत्सव” से लिया गया है, जिसका मतलब होता है “बड़ा त्यौहार”। यह स्थान कई राजवंशों का केंद्र रहा है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण चंदेल शासक थे। चंदेलों ने महोबा को अपने शासनकाल में बहुत कुछ दिया और इसी कारण से महोबा काफी पॉपुलर हुआ । महोबा की पॉपुलरटी  में चंदेलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

महोबा का इतिहास बेहद प्राचीन और गौरवशाली रहा है। 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच महोबा पर चंदेल वंश का शासन था, जिसने इस शहर को एक अलग पहचान दिलाई। चंदेलों के शासनकाल में महोबा काफी प्रसिद्ध हुआ, और इसी दौरान खजुराहो के मंदिरों का निर्माण भी हुआ। महोबा की प्रसिद्धि पृथ्वीराज चौहान और आल्हा-ऊदल की वीरता के कारण भी है। आल्हा-ऊदल की वीरता की कहानियां आज भी यहां के लोकगीतों में सुनाई देती हैं।

ऐसा कहा जाता है कि 12वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान और चंदेलों के बीच महोबा में  एक भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें आल्हा और ऊदल ने काफीबीरता दिखाई था। इस युद्ध के बाद महोबा का इतिहास और गौरव लोककथाओं में जीवित रहा। हालांकि, बाद में चंदेलों की शक्ति कमज़ोर पड़ने के बाद, मुसलमानों ने महोबा पर कब्ज़ा कर लिया और इसे दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बना दिया।

1. मदन सागर झील – mahoba me ghumne ki jagah

मदन महल झील का निर्माण चंदेल राजाओं द्वारा किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य जल आपूर्ति को सुनिश्चित करना था ताकि सिंचाई हो सके और किले, दीवारों, तथा मंदिरों को पानी मिल सके। इस झील का निर्माण चंदेल शासक मदन ने 1128 से 1165 ईस्वी के बीच करवाया था, और इसका नाम “मदन सागर” रखा गया। उस समय में यह झील जल प्रबंधन के लिए उपयोगी थी और बुंदेलखंड क्षेत्र में इसे एक महत्वपूर्ण झील माना जाता था।

बुंदेलखंड क्षेत्र में जलाशयों और बांधों के निर्माण में चंदेल शासकों का बड़ा योगदान रहा है। इस झील के किनारे कई प्राचीन मंदिर और किले हैं, जो इसे एक पॉपुलर प्लेस बनाते हैं। झील की शांति और आसपास के ऐतिहासिक स्थान टूरिस्ट को आकर्षित करते हैं। यहां आने वाले लोग झील की सुंदरता से काफी प्रभावित होते हैं। इसके आसपास हरियाली फैली हुई है, और झील का पानी भी साफ है। अगर आप महोबा जाते हैं, तो इस झील को देखने जरूर जाना चाहिए।

2. ककरमठ मंदिर – mahoba में घूमने की जगह

ककरमठ मंदिर महोबा में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यहां शिवरात्रि के अवसर पर हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर का निर्माण 9वीं से 10वीं शताब्दी के बीच किया गया था। यह मंदिर महोबा के ककरमठ नामक गांव में स्थित है, और इसी गांव के नाम पर इसे ककरमठ मंदिर कहा जाता है।

चंदेल शासक भगवान शिव के बड़े भक्त थे, और उन्होंने अपने शासनकाल में कई मंदिरों का निर्माण करवाया, जिनमें से एक यह ककरमठ मंदिर भी है। इस मंदिर को बहुत अच्छे तरीके से बनाया गया है, और इसकी दीवारों पर कई चित्र  बनाये गए हैं। मंदिर के चारों ओर का शांत वातावरण इसे और अधिक खूबसूरत बनाता है। धार्मिक आस्था रखने वाले लोग यहां बड़ी संख्या में आते हैं। महोबा आने पर इस मंदिर की यात्रा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि इसकी ऐतिहासिकता और पुरातन महत्व इसे खास बनाते हैं।

3. सूर्य मंदिर – mahoba m ghumne ki jagah

सूर्य मंदिर महोबा, उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है। भारत में भगवान सूर्य के मंदिर बहुत कम जगहों पर मिलते हैं, और इस मंदिर का अपना  अलग महत्व है। इसका निर्माण चंदेल शासकों द्वारा किया गया था, और महोबा के आसपास के सभी प्राचीन मंदिर भी चंदेल वंश द्वारा बनाए गए थे।

यह मंदिर 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच बनवाया गया था, और चंदेल राजाओं ने कई प्रमुख मंदिरों का निर्माण कराया है। इस मंदिर में आप सूर्य देवता की पूजा कर सकते हैं। सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें सीधे गर्भगृह में स्थापित सूर्य प्रतिमा पर पड़ती हैं। मंदिर की वास्तुकला बहुत खूबसूरत है,

मंदिर काफी जायदा शांत है, और यहां विशेष रूप से छठ पूजा और संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। यह मंदिर एक पॉपुलर प्लेस है। अगर आप महोबा जाते हैं, तो इस मंदिर में घूमने जरूर जाये ।

4. वीर आल्हा की अखाड़ा – mahoba mein ghumne ki jagah

आल्हा ऊदल बुंदेलखंड के प्रमुख योद्धाओं में से एक माने जाते हैं, और आज भी उनकी वीरगाथाएं गाई जाती हैं। आल्हा ऊदल चंदेल वंश के सेनापति थे, और उनका इतिहास 12वीं शताब्दी तक  माना जाता है। वे अपने समय के महान योद्धाओं में से थे। यदि आप उनके युद्ध कौशल के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यूट्यूब पर उनके बारे में कई वीडियो उपलब्ध हैं, जहां लोगों ने जानकारी शेयर की है।

महोबा में आल्हा का अखाड़ा भी है, जो आल्हा की वीरता की याद दिलाता है। यहां पर घूमने के लिए भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट  आते हैं। अगर आप महोबा जाते हैं, तो आल्हा के अखाड़े को जरूर देखना चाहिए और वहां के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए। यदि आपने पृथ्वीराज चौहान का नाम सुना है, तो आपको यह जानकर दिलचस्पी होगी कि आल्हा ऊदल की लड़ाई पृथ्वीराज चौहान से भी हुई थी।

5. चन्देल किला – mahoba mai ghumne ki jagah

चंदेल किला महोबा जिले में स्थित एक प्राचीन किला है, जिसे चंदेल राजवंश द्वारा बनवाया गया था। इसका इतिहास प्राचीन काल में महत्वपूर्ण रहा है, और इसका निर्माण 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच हुआ था। इस किले में कई मंदिर बने हुए हैं, और इसका निर्माण दुर्गा चंदेल के शासनकाल में हुआ, जो अपने समय के एक शक्तिशाली राजा थे।

यह किला पहाड़ी पर बना हुआ है, और इसके चारों ओर सुंदर हरियाली और वृक्ष देखे जा सकते हैं। किले की दीवारें पत्थर से बनी हुई हैं, और इसके अंदर कई कमरे मौजूद हैं। यहां की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है, और आपको यहाँ खंडहर भी देखने को मिलेंगे, जिनका अपना एक अलग इतिहास है।

अगर आप महोबा आते हैं और चंदेल के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं, तो चंदेल किला जरूर जाना चाहिए।

mahoba me ghumne ki jagah final word

दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको महोबा के बारे में बताया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको महोबा से संबंधित सारी जानकारी हिंदी में मिल गई है तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं और हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद

Related Posts