Orchha me ghumne ki jagah | ओरछा में घूमने की 7 प्रमुख जगह

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Orchha me ghumne ki jagah – ओरछा मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जिसे 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत राजा रुद्र प्रताप सिंह ने बसाया था। यह शहर बेतवा नदी के किनारे बसा है, जहां से बेतवा नदी सात धाराओं में डिवाइड हो जाती है, जिसे सातधारा ” कहा जाता है। ओरछा में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध है राजा राम मंदिर। यह मंदिर खास इसलिए है

क्योंकि पूरी दुनिया में एकमात्र यहीं भगवान राम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है। मंदिर की भव्यता  इसे ओरछा का प्रमुख मंदिर बनाती है। ओरछा में घूमने के लिए कई ऐतिहासिक और धार्मिक जगह हैं। यदि आप ओरछा के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं और वहां घूमने की सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी देंगे।

1. राजा राम मंदिर – Orchha me ghumne ki jagah

राजा राम मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि यहां भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है, जबकि दुनिया भर में भगवान राम को “मर्यादा पुरुषोत्तम” के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति को राजसी सम्मान के साथ रखा जाता है, और उनकी आरती करने से पहले उन्हें एक राजा की तरह सजाया जाता है , जो यहां की एक अनोखी परंपरा है।

इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मधुकर शाह ने करवाया था। मान्यता है कि राजा मधुकर शाह भगवान कृष्ण के भक्त थे, जबकि उनकी पत्नी रानी गणेशकुमारी भगवान राम की भक्त थीं। एक बार रानी अयोध्या से भगवान राम की मूर्ति लेकर आईं और अस्थायी रूप से उसे अपने महल के बाहर रख दिया। जब राजा ने इस मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया, तो मूर्ति महल से हिलाई नहीं जा सकी। इस वजह से महल को ही बाद में मंदिर में परिवर्तित कर दिया गया, और आज यह स्थान राजा राम मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

रामनवमी के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और भगवान राम की पूजा करते हैं। अगर आप ओरछा जाते हैं, तो इस मंदिर को जरूर देखना चाहिए।

2. जहांगीर महल – Orchha में घूमने की जगह

जाहगीर महल मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित एक ऐतिहासिक महल है, जिसे बुंदेला राजवंश के राजा वीर सिंह देव ने 17वीं शताब्दी की शुरुआत में बनवाया था। इस महल का निर्माण मुगल सम्राट जहांगीर के सम्मान में किया गया था, जब उन्होंने ओरछा का दौरा किया था। इस कारण इसे “जाहगीर महल” कहा जाने लगा। महल में आपको कई सुंदर और ऐतिहासिक चीजें देखने को मिलेंगी।

महल का निर्माण लगभग 1605 में हुआ था, और इसे विशेष रूप से सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए बनवाया गया था, जो राजा वीर सिंह देव के करीबी मित्र थे। यह महल उनकी मित्रता का प्रतीक है। वर्तमान में, यह महल पुरातत्व विभाग के अधीन है और टूरिस्ट के लिए पूरी तरह से खुला हुआ है। अगर आप ओरछा जाते हैं, तो इस महल को जरूर देखने जाना चाहिए।

3. राज महल – Orchha m ghumne ki jagah

राजमहल का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने शुरू करवाया था, और उनके उत्तराधिकारी राजा वीर सिंह देव ने इसे पूरा किया। यह महल बुंदेली राजाओं का निवास स्थान था, जहाँ वे अपने शाही जीवन का आनंद लेते थे। महल की भव्यता और राजपूत शैली इसकी सुंदरता को और बढ़ाती है। रुद्र प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद निर्माण कार्य रुका, लेकिन उनके बेटे वीर सिंह देव ने इसे पूरा करवाया। यह महल बुंदेली शासकों की समृद्धि और शाही जीवन का प्रतीक है।

महल में विशाल प्रवेश द्वार, और कई रूम देखने को मिलते हैं। इसकी दीवारों पर रामायण और महाभारत से जुड़ी कथाओं का सुंदर चित्रण किया गया है। वर्तमान में, इस महल को एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित किया गया है और हर साल बड़ी संख्या में टूरिस्ट इसे देखने आते हैं। यह महल अब पुरातत्व विभाग के अधीन है और यदि आप ओरछा जाते हैं, तो इस महल को विजिट जरूर करनी चाहिए।

4. चतुर्भुज मंदिर – Orchha mein ghumne ki jagah

चतुर्भुज मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मधुकर शाह द्वारा करवाया गया था। “चतुर्भुज” नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है “चार भुजाओं वाला,” और यह नाम भगवान विष्णु की मूर्ति के चार हाथों की वजह से रखा गया है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है और इसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है।

मंदिर का निर्माण राजा मधुकर शाह की रानी ने भगवान राम की भक्ति में किया था। वह भगवान राम की मूर्ति को इस मंदिर में लाना चाहती थीं, लेकिन इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। जब रानी अयोध्या से भगवान राम की मूर्ति लेकर आईं, उन्होंने उसे अस्थायी रूप से अपने महल में रखा। बाद में जब मूर्ति को चतुर्भुज मंदिर में स्थापित करने की कोशिश की गई, तो वह मूर्ति महल से हिलाई नहीं जा सकी। इसके परिणामस्वरूप, महल को राजा राम मंदिर के रूप में स्थापित कर दिया गया और चतुर्भुज मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हो गया।

5. लक्ष्मी नारायण मंदिर – Orchha mai ghumne ki jagah

लक्ष्मी नारायण मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह देव ने 17वीं शताब्दी में कराया था, और यह ओरछा के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। इसका निर्माण 1622 से 1625 के बीच हुआ था।

राजा वीर सिंह ने इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आराधना के उद्देश्य से कराया था। यह मंदिर कई कारणों से बहुत प्रसिद्ध है, और यदि आप ओरछा जाएं, तो आपको इस मंदिर में अवश्य जाना चाहिए।

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दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको ओरछा से संबंधित जानकारी दी है अगर आप ओरछा घूमने जाते हैं तो आपको इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए अगर आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद समझ आ गया है कि ओरछा में हम कौन-कौन सी जगह घूमने के लिए जा सकते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कर सकते हैं और हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद

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