Sanchi me ghumne ki jagah | top 5 place visit to sanchi

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Sanchi me ghumne ki jagah – मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर सांची है सांची बौद्ध धर्म के लिए जानी जाती है और यहां पर कई सारे स्तूप है जो पत्थर के बने हुए हैं सांची के स्तूप का फोटो आप 200 के नोट में भी देख सकते हैं साँची की स्थापना तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक के द्वारा की गई थी और सम्राट अशोक ने बाद में बौद्ध धर्म अपना लिया था यहां पर स्तूप बने हुए हैं

जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में टूरिस्ट आते हैं और दिसंबर के महीने में यहाँ मेले का  भी आयोजन किया जाता है अगर आप सांची घूमना चाहते हैं तो आपको दिसंबर के महीने में आना चाहिए सांची के स्तूप के पास यह बौद्ध मंदिर भी बना हुआ है जो काफी खूबसूरत है अगर आप सांची घूमने आना चाहते हैं तो आपको यह आर्टिकल आखिर तक पढ़ना चाहिए क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको सांची घूमने से संबंध हिंदी में उपलब्ध कब आएंगे

1. सांची स्तूप – Sanchi me ghumne ki jagah

सांची मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है सांची में स्तूप है जो काफी ज्यादा फेमस है और सांची के स्तूप 200 के नोट पर भी आप देख सकते हैं सांची के स्तूप पूरी तरह से पत्थर के बने हुए हैं और सन 1989 में इस साइट को यूनेस्को साइट साइड घोषित कर दिया गया है बौद्ध धर्म के लोग यहां पर बड़ी संख्या में आते हैं और यहां पर एक भगवान बुद्ध का मंदिर भी बना हुआ है

इन स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक के द्वारा तीसरी शताब्दी में करवाया था सम्राट अशोक बुद्ध धर्म से काफी ज्यादा प्रभावित था जिसके कारण उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था और यहां पर प्रति वर्ष दिसंबर के महीने में मेला का आयोजन किया जाता है सांची के स्तूप पर घूमने के लिए आपको ₹50 का टिकट खरीदना होता है लेकिन मेले के समय पर यहां एंट्री फ्री होती है अगर आप सांची जाते हैं और आप मन की शांति प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इन स्तूप में जरूर जाना चाहिए

2. उदयगिरि की गुफाएँ (Udayagiri Caves) Sanchi में घूमने की जगह

उदयगिरि की गुफाएं सांची से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह गुफाएं 4 से 5 भी शताब्दी की मानी जाती हैं इनमें हिंदू तथा जैन धर्म से समबन्दित मूर्तियां हैं इन गुफाओं में आपको भगवान विष्णु के बराह अवतार की मूर्ति भी देखने को मिलेगी यह स्थान गुप्तकालीन कला और वास्तु कला के विकास का साक्षी भी रहा है

भारत के प्राचीन इतिहास में इस जगह का बिशेष स्थान रहा है उदयगिरि की पहाड़ी पर आपको बौद्ध धर्म से संबंधित कुछ चीज देखने को मिलेगी इसके अलावा इन गुफाओं में कुछ गुफाएं बौद्ध धर्म से संबंधित मूर्तियां भी है  आप देख सकते हैं अगर आप प्राचीन चीजों को देखना पसंद करते हैं तो आपको उदयगिरि की गुफाएं देखने के लिए जरूर जाना चाहिए

3 – साँची म्यूज़ियम – Sanchi m ghumne ki jagah

सांची म्यूजियम का निर्माण सन 1919 में जॉन मार्शल के द्वारा किया गया था इस म्यूजियम में आपको बौद्ध धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण मूर्तियां और कई सारे अफसेस देखने को मिलेंगे सांची के स्तूप के आसपास मैं खुदाई में जितनी भी चीज मिलती हैं वाह सभी इसी म्यूजियम में रखी जाती हैं
आपको इस म्यूजियम में सम्राट अशोक के प्रसिद्ध सिंह स्तंभ के भी कुछ अपशिष्ट अबसेष देखने को मिलेंगे यहां पर भगवान बुद्ध यक्ष यक्षिणी और अन्य सारी धार्मिक मूर्तियां आप देख सकते हैं म्यूजियम में तीसरी शताब्दी ईशा पूर्व से लेकर गुप्त काल तक के समय के आपको अबसेष देख सकते हैं अगर आप सांची जाते हैं तो आपको यह म्यूजियम घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए

4- बौद्ध विहार – Sanchi mein ghumne ki jagah

बुद्ध विहार प्राचीन बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान हुआ करता था और सांची में स्तूपों के साथ-साथ बौद्ध   बौद्ध भिक्षु भी रहते थे और इसी जगह को बोध विहार बोला जाता है सांची के भिक्षु के  लिए कक्ष बनाए गए थे जहां वाह ध्यान साधना और बोध बिहार  शिक्षा और ज्ञान का भी केंद्र थे जहां बच्चों को बहुत धार्मिक शिक्षा से संबंधित शिक्षा दी जाती थी अगर आप सांची के स्तूप जाएंगे तो आपको वहां पर बौद्ध विहार  भी देखने को मिलेंगे

5- गुप्ता मंदिर – Sanchi mai ghumne ki jagah

सांची का गुप्तकालीन मंदिर जिसे गुप्ता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है भारतीय महाद्वीप में प्राचीन हिंदू मंदिरों में गिना जाता है यह मंदिर सांची में स्थित है और यह मंदिर चौथी से पांचवी शताव्दी के दौरान गुप्ता वंश के शासनकाल में बनाया गया था एवं मंदिर में भारतीय वास्तु कला के विकास के महत्वपूर्ण चरण को दर्शाता है अगर आप सांची के स्तूप घूमने के लिए जाएंगे तो वहां इस मंदिर को क्रमांक 17 के नाम से जाना जाता है
अगर आप प्राचीन चीजों में रुचि रखते हैं तो आपको सांची का स्तूप आना चाहिए और यह मंदिर जरूर देखना चाहिए या मंदिर पूरी तरह से पत्थर का बना हुआ है और यह गुप्ता साम्राज्य के राज्य  को दर्शाता है किस तरह उन्होंने पत्थर पर चित्र बनाए हैं इस मंदिर के ऊपर सीकर नहीं है जो इस मंदिर को बाकी मंदिर से अलग करता है गुप्ता काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है इस काल में विकाश बहुत तेजी से हुई थी और सांची का मंदिर भी इसी समय का है

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दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको सांची में घूमने के लिए टॉप फाइव प्रसिद्ध जगह के बारे में बताया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया है कि सांची में आप कौन-कौन सी जगह घूम सकते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं और हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद

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